चैत्र नवरात्रि: इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी माता रानी और भैंसे पर बैठकर होंगी विदा

 




रिपोर्ट@डेली ज़िंदगी.कॉम

चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ शनिवार 02 अप्रैल को हो रहा है. इस बार चैत्र नवरात्रि शनिवार से शुरू हो रही है और 10 अप्रैल रामनवमी है, लेकिन सोमवार को इसका समापन होगा. नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कूष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करते हैं और मां दुर्गा का आह्वान करते हैं. नवरात्रि के नौ दिनों का व्रत रखा जाता है. पारण के साथ इसका समापन करते हैं. जो लोग किसी कारणवश नौ दिन का व्रत नहीं रख पाते हैं, वे प्रथम दिन और दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखते हैं. इस बार चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त इस प्रकार है- 02 अप्रैल को प्रात: 06:10 बजे से प्रात: 08:31 बजे तक, फिर दोपहर में 12:00 बजे से 12:50 बजे तक.
इस बार की चैत्र नवरात्रि पूरे नौ दिनों की है. नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि को बेहद शुभ माना जाता है. 30 साल बाद ऐसा मौका आया है कि शनिवार को चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ हो रहा है .इस साल चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ शनिवार से हो रहा है, इसलिए माता रानी का आगमन घोड़े की सवारी पर होगा. यह सत्ता पक्ष को सावधान रहने का संकेत देता है. चैत्र नवरात्रि का समापन सोमवार को होगा, इसलिए मां दुर्गा भैंसे की सवारी पर पृथ्वी लोक से विदा होंगी. यह सवारी लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने का संकेत देता है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि या नवरात्रि के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बने हुए हैं. ये सुबह 06:10 बजे तक रहेंगे. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन का शुभ समय दोपहर 12:00 से 12:50 बजे तक है. यह उस दिन का अभिजीत मुहूर्त है. चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन से ही हिंदू नववर्ष या कहें नए विक्रम संवत का प्रारंभ होता है. इस बार विक्रम संवत 2079 का प्रारंभ होगा.

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