शिवाजी पार्क में राज गर्जना: ठाकरे कर सकते हैं अयोध्या दौरे का ऐलान






दो साल बाद शिवाजी पार्क में मनसे की रैली

मनपा चुनावों में क्या होगी मनसे की रणनीति?


रिपोर्ट: शिवप्रताप @डेली ज़िंदगी.कॉम                        फोटो: सचिन हळदे @डेली ज़िंदगी.कॉम

गुढी पाडवा को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ऐतिहासिक शिवाजी पार्क में आयोजित जनसभा में मनसे सैनिकों के साथ संवाद स्थापित करेंगे. राजनीति के गलियारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस दौरान राज ठाकरे अपने अयोध्या दौरे के बारे में कोई महत्वपूर्ण घोषणा कर सकते हैं. कोरोना महामारी के कारण पिछले दो साल से गुढी पाडवा के मौके पर राज ठाकरे मनसे सैनिकों को सार्वजनिक रूप से संबोधित नहीं कर पाए थे. अब जबकि दो साल बाद मनसे की गुढी पाडवा रैली होने जा रही है, तो इसे लेकर आम लोगों और राजनीतिज्ञों में उत्सुकता बनी हुई है.



बदला झंडा, बदला एजेंडा!
दो साल पहले अपनी पार्टी का झंडा बदलने के बाद राज ठाकरे हिंदुत्व से जुड़े मुद्दे सामने रख रहे हैं. इसलिए उनके अयोध्या दौरे पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. पिछले साल अक्टूबर में साध्वी गुरु मां कंचन गिरी और जगद्गुरु सूर्याचार्य महाराज ने मनसे अध्यक्ष के दादर स्थित आवास कृष्णकुंज में उनसे मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने राज ठाकरे को अयोध्या आने का आमंत्रण दिया था. इसके बाद राज ठाकरे अयोध्या जानेवाले थे, लेकिन महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण तेज होने के कारण उन्हें अपना यह दौरा टालना पड़ा था.

अयोध्या दौरे पर जा सकते हैं राज ठाकरे
चूंकि अब कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर शांत हो चुकी है, ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राज ठाकरे अयोध्या दौरे पर जा सकते हैं. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि २ अप्रैल को गुढी पाडवा सम्मेलन में राज ठाकरे अपने अयोध्या दौरे को लेकर घोषणा कर सकते हैं.
मनसे की स्थापना के बाद राज ठाकरे ने मराठी मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, लेकिन इस अनुरूप उन्हें चुनावी सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने हिंदुत्व के मुद्दे को साथ लेकर चलने की रणनीति अपनाने की दिशा में प्रयास तेज किया है. पिछले कुछ महीनों से मनसे ने हिंदुत्व के मुद्दे को प्रमुखता से आवाज दी है. इसी कड़ी में राज ठाकरे का अयोध्या दौरा मनसे के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है.

मनपा चुनावों में क्या होगी रणनीति?
हालांकि मुंबई और उपनगरों के मनपा चुनाव होनेवाले हैं. ऐसे में राज ठाकरे क्या रणनीति अपनाते हैं इस पर सबकी नजर टिकी है. पिछले दिनों मनसे कार्यकर्ताओं ने आईपीएल में शामिल होनेवाले खिलाड़ियों को होटल से लाने और ले जाने के लिए इस्तेमाल में लाई जानेवाली बसों को महाराष्ट्र के बाहर से लाए जाने का विरोध करते हुए बसों में तोड़फोड़ की और स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को यह काम दिए जाने की मांग की. इससे साफ है कि राज ठाकरे की मनसे अपने मराठी माणुस के मुद्दे पर कायम है. लेकिन मनसे हिंदुत्व के एजेंडे को अपनाकर अपने विस्तार को और धार दे सकती है.

हिंदुत्व के मैदान में मनसे को मौका
दरअसल शिवसेना का कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस गठबंधन के साथ जाकर महाविकास आघाड़ी बनाने से हिंदुत्व के मैदान में राज ठाकरे की मनसे के लिए खाली जगह बन गई है. यदि राज ठाकरे हिंदुत्व के मुद्दे को धार देते हैं तो आगामी मनपा चुनावों में उनका वोट बैंक और मजबूत हो सकता है. वहीं शिवसेना से दोस्ती टूट जाने के बाद भाजपा को भी महाराष्ट्र में एक नए साथी की तलाश है. लेकिन मनसे प्रमुख राज ठाकरे अपने पत्ते आसानी से नहीं खोलते हैं. हाल ही में जब उन्होंने शिवसेना सांसद संजय राऊत पर निशाना साधा था, तो लगे हाथ राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी पर भी जमकर बरसे थे. इससे यह साफ नहीं हो पाता है कि राज ठाकरे का अगला राजनीतिक कदम क्या होगा. फिलहाल इन्हीं सब सवालों को लेकर लोगों में कुतूहल है कि गुढी पाडवा मेले में राज ठाकरे क्या बोलेंगे.



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