


नालासोपारा में रेलवे की जमीन पर बसे सवा सौ झोंपड़ों को किया जमींदोज
बच्चे कहते रहे हमें परीक्षा देने दो, अभी बेघर मत करो... पर किसी ने नहीं सुनी गुहार
रेलवे की जमीनों को बेचने की तैयारी में केंद्र सरकार, अभी और चलेगा बुलडोजर
डेली ज़िंदगी रिपोर्ट @ मुंबई
फोटो-वीडियो: सचिन हळदे @ मुंबई
गरीबों की ज़िंदगी में कुछ भी वैध नहीं होता, न उनके सपने, न उनके घर और न उनका भविष्य. अगर यह कह दें कि गरीब कका जीवन ही एक तरह से अवैध होता है, तो भी बात स्वीकार करनी पड़ेगी. उपनगरों में रेलवे की जमीन पर जहां-तहां अवैध ढंग से झोंपड़े बसे हैं. चाहे माहिम हो, चाहे बोरीवली, चाहे नालासोपारा हर जगह रेल पटरियों के किनारे धीरे-धीरे अवैध झोंपड़े बन जाते हैं. ताज्जुब तो इस बात का है कि जब इस तरह की अवैध झोंपड़पट्टी बस रही होती है, तब कोई एक्शन नहीं होता. बाद में कानून का हवाला देकर इन गरीबों को उजाड़ दिया जाता है. अगर अवैध झोंपड़ों पर निर्माण के दौरान ही कार्रवाई हो, तो न झोंपड़पट्टियों का विस्तार होगा और न ही भूमाफियाओं के चक्कर में फंसकर ये गरीब अपनी जीवन भर की जमा पूंजी गंवाने के फेर में उलझेंगे.
दरअसल भारत सरकार ने अपने खजाने को भरने के लिए सरकारी उपक्रमों की जमीनों को बेचने की योजना बनाई है. रेलवे की बहुत सारी जमीन बेची जानी है. अब रेलवे की जमीनों पर झोंपड़े होंगे, तो उनका दाम कम मिलेगा. इसलिए ‘आत्मनिर्भर’ बनने की कोशिश में सरकार ने अवैध झोंपडों को हटाने का फरमान सुना दिया है. गरीबों का क्या है, वे आत्मनिर्भर बनकर क्या करेंगे? उनका तो भगवान भरोसे रहना ही सबको भाता है, फिर वो सरकार हो या भूमाफिया.
सरकारी फरमान का टॉनिक पीकर जागे रेल प्रशासन ने मंगलवार को नालासोपारा पश्चिम में नीलेमोर के पास बसी अवैध झोंपड़पट्टी पर व्यापक पुलिस बंदोबस्त में रेलवे का बुलडोजर चलाया. इस तोड़ू कार्रवाई में १२५ से अधिक अवैध झोंपड़ों को ध्वस्त कर दिया गया. फिलहाल स्कूली परीक्षाएं चल रही हैं. अच्छे भविष्य की उम्मीद में इन अवैध झोंपड़ों में रहनेवाले गरीबों के बच्चे भी पढ़ाई कर रहे हैं ताकि उनकी जिंदगी में कुछ वैध हो सके. परीक्षा की तैयारी में जुटे इन बच्चों ने रेलवे प्रशासन से गुहार लगाई कि अभी हमारे झोंपड़े न तोड़े जाएं, हमें परीक्षा देने का अवसर दिया जाए. इन झोंपड़ों कें लोग हाथ में इस आशय की तख्तियां लिए तोड़क कार्रवाई बंद किए जाने की गुहार लगाते रहे. लेकिन फिलहाल देश में बुलडोजर चलाने का दौर है. ऐसे में इनकी गुहार किसी ने नहीं सुनी.(देखें वीडियो)
إرسال تعليق