राजनेता (statesman) से राजनीतिज्ञ (politician) बने राज ठाकरे!









मनसे ने लाउडस्पीकर पर बजाई हनुमान चालीसा

एनसीपी नेताओं ने किया राज ठाकरे पर पलटवार


रिपोर्ट: शिवप्रताप
फोटो: सचिन हळदे


जेम्स फ्रीमैन क्लार्क (James freeman Clarke) का एक प्रसिद्ध कथन है- A politician thinks of the next election; a stateman,of next generation यानी राजनीतिज्ञ अगले चुनाव की सोचता है और राजनेता अगली पीढ़ी की.

कुछ ऐसा ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के मामले में देखने को मिल रहा है. मराठी माणुस को हक दिलाने के लिए मनसे की स्थापना करनेवाले राज ठाकरे ने पहले परप्रांतियों के खिलाफ मोर्चा खोला था. तब मनपा चुनावों में उन्हें इसका लाभ भी मिला था और उनके कई नगरसेवक मनपा सदन में पहुंचे थे. लेकिन बाद में उन्हें इस तरह की चुनावी सफलता नहीं मिली. वहीं मनसे से प्रवीण दरेकर, राम कदम जैसे कई नेता दूसरी पार्टियों में चले गए. इसके बाद राज ठाकरे ने अपनी पार्टी का झंडा बदला और लगे हाथ शायद एजेंडा भी बदल दिया. मराठी माणुस के हित की बात करनेवाले राज ठाकरे अब हिंदुत्व की राजनीति करने लगे हैं. इसकी बानगी शनिवार को शिवाजी पार्क में आयोजित मनसे की गुढी पाडवा रैली में देखने को मिली.

घाटकोपर में रंग लाई शिवाजी पार्क की चेतावनी
रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि मैं नमाज के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन सरकार को मस्जिद के लाउडस्पीकर हटाने पर फैसला लेना चाहिए. मैं अभी चेतावनी दे रहा हूं. लाउडस्पीकर हटाओ वरना मस्जिद के सामने लाउडस्पीकर लगाएंगे और डबल आवाज में हनुमान चालीसा बजाएंगे. शनिवार को दी गई राज ठाकरे की चेतावनी का असर रविवार को घाटकोपर में देखने को मिला. मनसे नेता महेंद्र भानुशाली के नेतृत्व में मनसे के घाटकोपर कार्यालय में लाउडस्पीकर पर तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाई गई. मुंबई पुलिस ने इस तरह तेज आवाज में हनुमान चालीसा बजाने पर महेंद्र भानुशाली को हिरासत में ले लिया और उन पर 5050 रुपए का जुर्माना भी लगाया और दोबारा ऐसा करने पर सख्त कार्रवाई किए जाने की चेतावनी भी दी. हालांकि इससे भानुशाली के इरादों पर फर्क नहीं पड़ा. उन्होंने मीडिया से ्रकहा कि महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने अगर मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं उतरवाए, तो मनसे मस्जिदों के सामने बड़े-बड़े लाउडस्पीकरों पर हनुमान चालीसा बजाएगी.

उत्तर प्रदेश प्रगति की प्रगति पर लहालोट राज ठाकरे!
शुरुआत में राज ठाकरे ने बिहार और उत्तर प्रदेश से रोजी-रोटी की तलाश में महाराष्ट्र आए परप्रांतियों के विरोध के साथ मनसे के विस्तार को धार दी थी. लेकिन शिवाजी पार्क की रैली में उन पर योगी आदित्यनाथ का जादू छाया दिखा. उन्होंने कहा कि मुझे यह देखकर खुशी हुई कि उत्तर प्रदेश प्रगति कर रहा है. हम महाराष्ट्र में वही विकास चाहते हैं. अयोध्या जाऊंगा, लेकिन आज नहीं बताऊंगा कब, हिंदुत्व की भी बात करूंगा. मुझे अपने धर्म पर गर्व है. मैं धर्मांध नहीं बल्कि धर्म अभिमानी हूं.

आरएसएस के मुद्दे का भी समर्थन
इस रैली में राज ठाकरे आरएसएस के उस मुद्दे का भी समर्थन करते दिखे कि जातियों में बंटेंगे, तो हिंदू कैसे बनेंगे. उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार पर हमला बोलते हुए कहा कि शरद पवार ने जातिवाद बढ़ाया है. एनसीपी ने राज्य में लोगों को जाति के आधार पर बांट दिया. जाति की राजनीति से बाहर नहीं निकले तो हिंदू कैसे बनेंगे.

भाजपा पर उमड़ा प्रेम
इस रैली में राज ठाकरे ने हिंदुत्व की पुरोधा बनी बैठी भाजपा के समर्थन में सुर मिलाते हुए शिवसेना पर साल 2019 के विधानसभा चुनाव में गद्दारी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने शिवसेना को एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए वोट नहीं किया था. राज ने कहा, चुनाव परिणाम के बाद उद्धव समझ गए थे कि शिवसेना के बिना किसी की सरकार नहीं बनेगी इसलिए ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद मांगने लगे.

भाजपा नेताओं ने बांधे तारीफों के पुल
गुढी पाडवा में राज ठाकरे के भाषण के बाद भाजपा नेताओं ने उनकी तारीफों के पुल बांधने शुरू कर दिए. भाजपा नेता नारायण ने तो एक के बाद एक कुल तीन ट्वीट कर राज ठाकरे की तारीफ की. भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज ठाकरे सत्य बोल रहे हैं, तो उनसे एक कदम आगे बढ़कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राज ठाकरे ने 200 प्रतिशत सत्य कहा है.

अजीत पवार बोले, गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं राज ठाकरे
जहां भाजपाइयों ने राज ठाकरे की तारीफ की, वहीं एनसीपी ने उन्हें आड़े हाथ लिया. एनसीपी नेता व महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि राज ठाकरे हमेशा पलटी मारते रहते हैं. लोकसभा चुनाव के समय उन्होंने केंद्र सरकार के विरोधी की भूमिका अपनाई थी. इसके बाद उन्होंने विधानसभा चुनावों के दौरान भी क्या किया ये हम सबने देखा है और कल की सभा (गुढी पाडवा रैली) में क्या किया यह भी हमने देखा है. राज ठाकरे गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं. एक समय था जब वे शरद पवार साहब की तारीफ करते थे और अब उन्हें जातिवादी बता रहे हैं. पवार साहब हाल-फिलहाल से राजनीति नहीं कर रहे हैं. जब इनका जन्म नहीं हुआ था तब साहब राजनीति में आ गए थे, इसलिए ऐसे लोगों की टीका-टिप्पणी करना सूरज पर थूकने जैसा है.

‘फायर’ राज ठाकरे ‘फ्लॉवर’ कैसे बन गए?
मनसे से एनसीपी में आई रूपाली पाटिल ने भी राज ठाकरे के भाषण पर चुटकी ली. उन्होंने कहा कि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे फायरब्रांड नेता हैं. लेकिन ईडी की एक नोटिस के चलते फायरब्रांड राज ठाकरे फ्लावर कैसे बन गए? उन्होंने कहा कि शरद पवार ईडी की कार्रवाई से नहीं डरे और डटकर खड़े हो गए. उन्होंने कहा कि एनसीपी में सभी धर्मों के लोग हैं. यहां जातिपाति की राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है. भाजपा की राह पर चलने का संकेत दे रही मनसे पर निशाना साधते हुए रूपाली ने कहा कि जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने मस्जिदों से भोंगा (लाउडस्पीकर) हटवाने के आदेश क्यों नहीं दिए?

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