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Dr. Souvik Roy Choudhury (ENT) along with patient in OT |
मेडिका हॉस्पिटल के अनुभवी डॉक्टरों ने त्रिपुरा के 47 वर्षीय संजॉय साहा को दिया जीवनदान
डेली ज़िंदगी रिपोर्ट, मुंबई
पूर्वी भारत के सबसे बड़े निजी अस्पताल श्रृंखला मेडिका ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स ने अपने कोलकाता स्थित प्रमुख अस्पताल केंद्र मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में त्रिपुरा के एक 47 वर्षीय व्यक्ति पर एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन सफलतापूर्वक संचालित किया है। ईएनटी (आँख, नाक और गला) विभाग से अनुभवी डॉक्टरों की टीम और मेडिका की देखभाल टीम ने इस अनोखे मामले में मिलकर काम किया है. टीम ने डॉ. शौविक रॉय चौधरी, कन्सल्टेंट ईएनटी एवं हेड नेक सर्जन, मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के नेतृत्व में संयुक्त रुप से प्रयास करते हुए 19 मार्च 2022 को यह शानदार उपलब्धि हासिल की और इसमें डॉ. कस्तूरी हसन बंदोपाध्याय, कन्सल्टेंट एनेस्थीशिया और डॉ. एजाज़ बारी कन्सल्टेंट रेडियोलॉजिस्ट सहित डॉ. शाश्वती सेनगुप्ता दत्ता, कन्सल्टेंट ईएनटी और डॉ. राजर्षी मित्रा, अटेंडिंग कन्सल्टेंट ईएनटी के साथ मेडिका की देखभाल टीम ने महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की.
बिगड़ी हालत तो किया कोलकाता रेफर
अगरतला में शुरुआती उपचार के बाद त्रिपुरा के एक 47 वर्षीय व्यक्ति संजॉय साहा को उनकी लगातार बिगड़ती स्थिति और एनेस्थीशिया संबंधी समस्याओं के कारण मेडिकल सुपस्पेशलिटी हॉस्पिटल, कोलकाता में रेफर किया गया था. (Sanjoy Saha, a 47-year-old male from Tripura was referred to Medica Superspecialty Hospital, Kolkata on 15th March 2022, after initial treatment in Agartala due to his gradual worsening state and anesthesia difficulties.)
बाजार में अचानक लगी चोट
एक दिन पर जब संजॉय साहा बाज़ार गए हुए थे तो उन्हें अचानक एक अज्ञात स्त्रोत द्वारा चेहरे की बाईं तरफ चोट लगी. इसके बाद की गई जांच में उनके चेहरे की बाईं ओर ऊपरी हिस्से में एक जख्म पाया गया. निदान में पता चला कि एयर गन से निकली हुई एक गोली उन्हें लगी थी। गोली उनके चेहरे के बाईं तरफ की हड्डियों में गहराई तक घुस गई थी जिसके कारण बाएं चेहरे का भाग सूज गया था और उन्हें दर्द हो रहा था (एक नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र का विकार जिसमें आपके चेहरे के एक तरफ की मांसपेशियां लगातार फड़कती रहती हैं).
एन्कीलूज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या
संजॉय साहा के हेल्थ रिकॉर्ड की जांच करने पर पाया गया कि उन्हें लंबे समय से एन्कीलूज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis), एक दीर्घकालीन समस्या जिसमें रीढ़ और शरीर के अन्य भागों में सूजन आती है और इस वजह से रीढ़ में कुछ हड्डियां (रीढ़ के जोड़) मिलकर एक हो जाती हैं. इस तरह फ्यूज़ हो जाने के कारण रीढ़ का लचीलापन कम हो जाता है और इसके कारण व्यक्ति का अंग विन्यास झुका हुआ हो जाता है. यदि पसली की हड्डी प्रभावित होती है तो इससे गहरी साँस लेने में परेशानी होती है) की समस्या थी और उनका मुंह सीमित मात्रा में ही खुलता था. निदान, रेडियोलॉजिकल और निदानात्मक जांच के बाद डॉक्टरों ने एक मल्टीडिसिप्लीनरी एप्रोच के साथ सर्जरी करने का फैसला लिया क्योंकि एनेस्थीशिया संबंधी गंभीर समस्या थी.
19 मार्च 2022 को सर्जरी की गई
इसके बाद सामान्य खून की जांच के साथ गोली की सही जगह और पैलेट गोली का पता लगाने के लिए 3डी रिकन्स्ट्रक्शन के साथ सीटी फेस स्कैन किया गया. 19 मार्च 2022 को सर्जरी की गई.
गोली बाईं तरफ चेहरे की हड्डी में गहराई तक अंदर घुसी थी
एनेस्थीशिया के दौरान रीढ़ की अकड़न और उच्च रुप से प्रतिबंधित घुमाव या गले के विस्तार के कारण इन्ट्यूबेशन (शरीर के अंदर ट्यूब डालना) बहुत मुश्किल था. इसलिए, फायबरऑप्टिक ब्रोन्कोस्कोपी गाइडेड इन्ट्यूबेशन (अपेक्षित और अनपेक्षित दोनों प्रकार के मुश्किल एयरवे/वायुमार्ग वाले मरीज़ों में एयरवे/वायुमार्ग एक्सेस प्राप्त करने के लिए एक प्रभावी तकनीक) किया गया और बिहाइन्ड-द-लिप (सबलेबियल) एप्रोच के ज़रिए आसानी से सर्जरी की गई. गोली बाईं तरफ चेहरे की हड्डी में गहराई तक अंदर घुसी थी और प्रमुख नसों और रक्त वाहिकाओं के बेहद करीब थी. किसी भी महत्वपूर्ण संरचना को चोट पहुँचाए बिना बहुत ही सावधानी से चीरफाड़ की गई और तुरंत गोली निकाल ली गई.
अकड़न के कारण बेहद चुनौतीपूर्ण था ऑपरेशन
ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले डॉ. शौविक रॉय चौधरी ने कहा, “जब साहा को अस्पताल में भर्ती करने के लिए मेडिका में लाया गया तो उन्हें बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था और उन पर तुरंत ऑपरेशन किया जाना ज़रुरी था. उनके शरीर में अकड़न के कारण इस ऑपरेशन का सबसे चुनौतीपूर्ण भाग था उन्हें एनेस्थीशिया देना. हमने फायबरऑप्टिक ब्रोन्कोस्कोपी गाइडेड इन्ट्यूबेशन तकनीक को चुना जिसे एनेस्थीशिया के लिए डिफिकल्ट एयरवे (डीए) मैनेजमेंट एप्रोच का “गोल्ड स्टैंडर्ड” माना जाता है और इसकी सफलता ने संपूर्ण ऑपरेशन को प्रभावी बना दिया. अगले दिन से ही उन्हें सामान्य आहार दिया जाने लगा. उनकी रिकवरी बहुत ही आसान रही; दर्द और सूजन अगले दो दिनों में थम गया जिसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। श्री साहा और उनका पूरा परिवार उन्हें दिए गए उपचार से बहुत खुश है. हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं. ”
सर्जरी के 2 दिनों के बाद अस्पताल से छुट्टी
संजॉय साहा को आपरेशन के बाद के दिन से ही एक सॉफ्ट डाएट पर रखा गया था. सर्जरी के 2 दिनों के बाद एक बेहद संतोषजनक मूल्यांकन के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और अब वह धीरे धीरे अपने सामान्य जीवन में लौट रहे हैं.
मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल की बड़ी उपलब्धि
मरीज़ों के देखभाल के मामलों में नए मापदंड स्थापित करते हुए मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, जिसके कोलकाता स्थित अस्पताल में एक विश्वस्तरीय विस्तृत सर्जरी विभाग है जो अपने हर विभाग में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है, ने अब त्रिपुरा से आए एक गंभीर रूप से बीमार ईएनटी मरीज़ का उपचार सफलतापूर्वक पूरा कर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है.
डेली ज़िंदगी रिपोर्ट, मुंबई
पूर्वी भारत के सबसे बड़े निजी अस्पताल श्रृंखला मेडिका ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स ने अपने कोलकाता स्थित प्रमुख अस्पताल केंद्र मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में त्रिपुरा के एक 47 वर्षीय व्यक्ति पर एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन सफलतापूर्वक संचालित किया है। ईएनटी (आँख, नाक और गला) विभाग से अनुभवी डॉक्टरों की टीम और मेडिका की देखभाल टीम ने इस अनोखे मामले में मिलकर काम किया है. टीम ने डॉ. शौविक रॉय चौधरी, कन्सल्टेंट ईएनटी एवं हेड नेक सर्जन, मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के नेतृत्व में संयुक्त रुप से प्रयास करते हुए 19 मार्च 2022 को यह शानदार उपलब्धि हासिल की और इसमें डॉ. कस्तूरी हसन बंदोपाध्याय, कन्सल्टेंट एनेस्थीशिया और डॉ. एजाज़ बारी कन्सल्टेंट रेडियोलॉजिस्ट सहित डॉ. शाश्वती सेनगुप्ता दत्ता, कन्सल्टेंट ईएनटी और डॉ. राजर्षी मित्रा, अटेंडिंग कन्सल्टेंट ईएनटी के साथ मेडिका की देखभाल टीम ने महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की.
बिगड़ी हालत तो किया कोलकाता रेफर
अगरतला में शुरुआती उपचार के बाद त्रिपुरा के एक 47 वर्षीय व्यक्ति संजॉय साहा को उनकी लगातार बिगड़ती स्थिति और एनेस्थीशिया संबंधी समस्याओं के कारण मेडिकल सुपस्पेशलिटी हॉस्पिटल, कोलकाता में रेफर किया गया था. (Sanjoy Saha, a 47-year-old male from Tripura was referred to Medica Superspecialty Hospital, Kolkata on 15th March 2022, after initial treatment in Agartala due to his gradual worsening state and anesthesia difficulties.)
बाजार में अचानक लगी चोट
एक दिन पर जब संजॉय साहा बाज़ार गए हुए थे तो उन्हें अचानक एक अज्ञात स्त्रोत द्वारा चेहरे की बाईं तरफ चोट लगी. इसके बाद की गई जांच में उनके चेहरे की बाईं ओर ऊपरी हिस्से में एक जख्म पाया गया. निदान में पता चला कि एयर गन से निकली हुई एक गोली उन्हें लगी थी। गोली उनके चेहरे के बाईं तरफ की हड्डियों में गहराई तक घुस गई थी जिसके कारण बाएं चेहरे का भाग सूज गया था और उन्हें दर्द हो रहा था (एक नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र का विकार जिसमें आपके चेहरे के एक तरफ की मांसपेशियां लगातार फड़कती रहती हैं).
एन्कीलूज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या
संजॉय साहा के हेल्थ रिकॉर्ड की जांच करने पर पाया गया कि उन्हें लंबे समय से एन्कीलूज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis), एक दीर्घकालीन समस्या जिसमें रीढ़ और शरीर के अन्य भागों में सूजन आती है और इस वजह से रीढ़ में कुछ हड्डियां (रीढ़ के जोड़) मिलकर एक हो जाती हैं. इस तरह फ्यूज़ हो जाने के कारण रीढ़ का लचीलापन कम हो जाता है और इसके कारण व्यक्ति का अंग विन्यास झुका हुआ हो जाता है. यदि पसली की हड्डी प्रभावित होती है तो इससे गहरी साँस लेने में परेशानी होती है) की समस्या थी और उनका मुंह सीमित मात्रा में ही खुलता था. निदान, रेडियोलॉजिकल और निदानात्मक जांच के बाद डॉक्टरों ने एक मल्टीडिसिप्लीनरी एप्रोच के साथ सर्जरी करने का फैसला लिया क्योंकि एनेस्थीशिया संबंधी गंभीर समस्या थी.
19 मार्च 2022 को सर्जरी की गई
इसके बाद सामान्य खून की जांच के साथ गोली की सही जगह और पैलेट गोली का पता लगाने के लिए 3डी रिकन्स्ट्रक्शन के साथ सीटी फेस स्कैन किया गया. 19 मार्च 2022 को सर्जरी की गई.
गोली बाईं तरफ चेहरे की हड्डी में गहराई तक अंदर घुसी थी
एनेस्थीशिया के दौरान रीढ़ की अकड़न और उच्च रुप से प्रतिबंधित घुमाव या गले के विस्तार के कारण इन्ट्यूबेशन (शरीर के अंदर ट्यूब डालना) बहुत मुश्किल था. इसलिए, फायबरऑप्टिक ब्रोन्कोस्कोपी गाइडेड इन्ट्यूबेशन (अपेक्षित और अनपेक्षित दोनों प्रकार के मुश्किल एयरवे/वायुमार्ग वाले मरीज़ों में एयरवे/वायुमार्ग एक्सेस प्राप्त करने के लिए एक प्रभावी तकनीक) किया गया और बिहाइन्ड-द-लिप (सबलेबियल) एप्रोच के ज़रिए आसानी से सर्जरी की गई. गोली बाईं तरफ चेहरे की हड्डी में गहराई तक अंदर घुसी थी और प्रमुख नसों और रक्त वाहिकाओं के बेहद करीब थी. किसी भी महत्वपूर्ण संरचना को चोट पहुँचाए बिना बहुत ही सावधानी से चीरफाड़ की गई और तुरंत गोली निकाल ली गई.
अकड़न के कारण बेहद चुनौतीपूर्ण था ऑपरेशन
ऑपरेशन का नेतृत्व करने वाले डॉ. शौविक रॉय चौधरी ने कहा, “जब साहा को अस्पताल में भर्ती करने के लिए मेडिका में लाया गया तो उन्हें बहुत ज़्यादा दर्द हो रहा था और उन पर तुरंत ऑपरेशन किया जाना ज़रुरी था. उनके शरीर में अकड़न के कारण इस ऑपरेशन का सबसे चुनौतीपूर्ण भाग था उन्हें एनेस्थीशिया देना. हमने फायबरऑप्टिक ब्रोन्कोस्कोपी गाइडेड इन्ट्यूबेशन तकनीक को चुना जिसे एनेस्थीशिया के लिए डिफिकल्ट एयरवे (डीए) मैनेजमेंट एप्रोच का “गोल्ड स्टैंडर्ड” माना जाता है और इसकी सफलता ने संपूर्ण ऑपरेशन को प्रभावी बना दिया. अगले दिन से ही उन्हें सामान्य आहार दिया जाने लगा. उनकी रिकवरी बहुत ही आसान रही; दर्द और सूजन अगले दो दिनों में थम गया जिसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। श्री साहा और उनका पूरा परिवार उन्हें दिए गए उपचार से बहुत खुश है. हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं. ”
सर्जरी के 2 दिनों के बाद अस्पताल से छुट्टी
संजॉय साहा को आपरेशन के बाद के दिन से ही एक सॉफ्ट डाएट पर रखा गया था. सर्जरी के 2 दिनों के बाद एक बेहद संतोषजनक मूल्यांकन के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और अब वह धीरे धीरे अपने सामान्य जीवन में लौट रहे हैं.
मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल की बड़ी उपलब्धि
मरीज़ों के देखभाल के मामलों में नए मापदंड स्थापित करते हुए मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, जिसके कोलकाता स्थित अस्पताल में एक विश्वस्तरीय विस्तृत सर्जरी विभाग है जो अपने हर विभाग में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है, ने अब त्रिपुरा से आए एक गंभीर रूप से बीमार ईएनटी मरीज़ का उपचार सफलतापूर्वक पूरा कर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है.
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