विश्व में उपयोगी भाषा बन रही है हिंदी : शैलेन्द्र श्रीवास्तव

 



राष्ट्रभाषा प्रचार शिविर में हुई हिंदी पर परिचर्चा


डेली ज़िंदगी रिपोर्ट, मुंबई

हिंदी अब केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्वभर में उपयोगी भाषा बनती जा रही है. टीवी और सिनेमा की लोकप्रियता के साथ ही सोशल मीडिया पर भी हिंदी की उपयोगिता खूब बढ़ती जा रही  है. विश्व के अनेक मुल्कों में भारतीय लोग सक्रिय हैं. वे सभी हिंदी से गहरा जुड़ाव रखते हैं. अनेक मुल्कों में हिंदी की पढ़ाई हो रही है. भारतीय जीवन पद्धति, योग और हमारी संस्कृति पर हिंदी में निरंतर अध्ययन और शोध हो रहे हैं. गूगल पर भी हिंदी में हर तरह का काम हो रहा है. इससे भी हिंदी की उपयोगिता काफी बढ़ गई है. भारतीयों से जुड़े हर बाजार में, हर विज्ञापन में और हर मंच पर हिंदी आवश्यक हो गई है. देश में तो हिंदी ही हमारे संपर्क व संवाद की सशक्त भाषा है। यह सब हमारे लिए गर्व की बात है. नई पीढ़ी को हम सही और शुद्ध हिंदी सिखाते रहें यह बहुत ही आवश्यक है. यह बात वरिष्ठ पत्रकार व समीक्षक शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने 'मुंबई प्रांतीय राष्ट्रभाषा प्रचार सभा' के दो दिवसीय 'राष्ट्रभाषा प्रचार शिविर' को संबोधित करते हुए कही.


व्रजेश्वरी के भाटिया सेनेटोरियम में शिविर संपन्न 

मुंबई के समीप व्रजेश्वरी के भाटिया सेनेटोरियम में हुए इस शिविर में विभिन कालेजों के हिंदी प्रोफेसर, स्कूलों के शिक्षक, विभिन्न हिंदीसेवी, संस्थाओं के प्रतिनिधि और हिंदी प्रचारक खासी तादाद में शामिल हुए. शिविर में दो सत्रों में हुई परिचर्चा में 'राष्ट्रभाषा के प्रचार-प्रसार में हिंदी फिल्मों का योगदान' और 'राष्ट्रभाषा और रोजगार' विषयों पर विद्वानों ने अपने विचार रखे.


प्रोफेसर डाॅ. बिपिनचंद्र मेहता ने की अध्यक्षता

रसायन विज्ञान के जानेमाने प्रोफेसर डाॅ. बिपिनचंद्र मेहता ने शिविर की अध्यक्षता की. उन्होंने संस्था की गतिविधियों से सक्रियता से जुड़ कर हिंदी के प्रचार-प्रसार में योगदान करने की सभी से अपील की. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सांसों में दम है वे हिंदी से लोगों को जोड़ने का अभियान कभी थमने नहीं देंगे. संस्था के मंत्री-संचालक ब्रजेश तिवारी ने 'मुंबई प्रांतीय राष्ट्रभाषा प्रचार सभा' की ओर से विभिन्न स्तर पर होने वाली हिंदी परीक्षाओं व राष्ट्रभाषा प्रचार के कार्यक्रमों का विस्तृत परिचय दिया.


डा.महेंद्र मिश्र ने कार्यक्रम का संचालन किया

कोषाध्यक्ष डा.महेंद्र मिश्र ने कार्यक्रम का संचालन किया. उन्होंने कहा कि संस्था के सदस्यों का हिंदीसेवा के कार्यों के लिए दृढ़ संकल्प हैं. ब्रजेश तिवारी व आहार विशेषज्ञ डा.मीना मेहता ने अतिथियों का स्वागत किया. इस अवसर पर हुए कवि सम्मेलन में डा. लालबहादुर यादव, प्रज्ञा आंब्रेकर, रवि यादव , वीरेन्द्र यादव, स्पर्श देसाई और कमल यादव ने रंगारंग रचनायें सुनाकर खूब समां बांधा. रेलवे के सेवानिवृत्त फुटबॉल खिलाड़ी हैरी जोसेफ ने कई हिंदी गाने प्रस्तुत करके हिंदी को देश के स्वाभिमान व पहचान की भाषा बताया.


डॉक्टर दिनेश गुप्ता 'आनंदश्री' ने दी हिंदी में काम करने की प्रेरणा 

अपने प्रोत्साहन के लेक्चर्स व एकसाथ लगातार कविता लिखने के लिए 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में शामिल प्रो. डॉ. दिनेश गुप्ता 'आनंदश्री' ने भी लोगों को हिंदी में काम करने की प्रेरणा दी. उन्होंने प्राकृतिक थेरेपी से स्वस्थ रहने का अभ्यास भी शिविरार्थियों को कराया. कार्यक्रम के आयोजन में अध्यक्ष डा.बिपिनचंद्र मेहता, मंत्री-संचालक ब्रजेश तिवारी, कोषाध्यक्ष डा.महेंद्र मिश्र, सत्येन्द्र श्रीवास्तव, डा.लालबहादुर यादव, नितिन पाटील, राजकुमार तृषित, सेवालालजी, राजेश सुरती, रमाशंकर रमा, सुमंत गुप्ता आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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