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विजयी भव: आलिया भट्ट और रणबीर कपूर के साथ प्रतियोगिता में विजयी फोटोग्राफर। |
मुंबई प्रेस क्लब के कैलेंडर लॉन्च में पहुंचे आलिया-रणबीर
10 फोटोग्राफरों को मिला ‘एक्सेलेंस इन फोटोग्राफी अवार्ड्स-2023’ पुरस्कार
रिपोर्ट: शिवप्रताप @ डेली ज़िंदगी, मुंबई
पत्रकारिता की दुनिया में कहा जाता है कि एक तस्वीर लाख शब्दों के बराबर होती है। लेकिन जब किसी तस्वीर को सैंकड़ों तस्वीरों के बीच सर्वश्रेष्ठ तस्वीर के रूप में चुना जाए, तो वह तस्वीर अनंत शब्दों के बराबर होती है। अनंत शब्दों की बराबरी करनेवाली ऐसी ही लगभग एक दर्जन तस्वीरों को मुंबई प्रेस क्लब ने चुना और अपने कैलेंडर में उन्हें जगह दी। इन तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद करनेवाले 10 फोटोग्राफरों को अभिनेत्री आलिया भट्ट और अभिनेता रणबीर कपूर के हाथों पुरस्कार प्रदान किया गया। प्रेस क्लब के मुंबई मोमेंट्स- 2023 में दस का दम दिखानेवाले और तारीख बनकर छा जानेवाली तेरह तस्वीरों का जायजा लेती यह रिपोर्ट...
मुंबई प्रेस क्लब और जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइसजेस (जील) की ओर से बुधवार 18 जनवरी को मुंबई प्रेस क्लब में आयोजित एक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित बॉलीवुड कलाकार रणबीर कपूर और आलिया भट्ट ने प्रेस क्लब के कैलेंडर ‘मुंबई मोमेंट्स 2023’ को लॉन्च किया और दस विजयी फोटोग्राफरों को ‘एक्सेलेंस इन फोटोग्राफी अवार्ड्स-2023’ प्रदान किया। आलिया और रणबीर ने इस दौरान फोटो प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान मुंबई प्रेस क्लब के चेयरमैन गुरबीर सिंह, वाइस चेयरमैन समर खडस, सेक्रेटरी राजेश मैस्करेनहास, ट्रेजरर रजनीश काकाडे, वरिष्ठ फोटोग्राफर जयप्रकाश केलकर, शशांक पराडे, कीर्ति पराडे, आशीष राणे, निलेश वायरकर, नितीन लवाते, प्रदीप बांदेकर, सुजीत जायसवाल , सुजित केदारे, सुनील खंदारे, समीर मार्कंडे आदि उपस्थित रहे।
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दीप प्रज्जवलन: कार्यक्रम के आरंभ में मशहूर फोटोग्राफरों के साथ दीप प्रज्जवलित करते मुख्य अतिथि अभिनेत्री आलिया भट्ट और अभिनेता रणबीर कपूर। |
फोटो प्रतियोगिता में 65 न्यूज फोटोग्राफरों ने हिस्सा लिया
प्रेस क्लब की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार फोटो प्रतियोगिता में 65 न्यूज फोटोग्राफरों ने हिस्सा लिया। मुंबई मोमेंट्स 2023 के लिए 700 से अधिक तस्वीरें भेजी गईं । जूरी में शामिल अभिनेता- निर्देशक भरत दाभोलकर, बेनेट कोलमैन ऐंड कंपनी के पूर्व अध्यक्ष अरुण अरोरा और अवार्ड विनिंग फोटोग्राफर अरको दत्ता ने इन तस्वीरों में से कैलेंडर के लिए कवर फोटो और 12 महीनों के लिए अलग-अलग तस्वीरों का चयन किया। ‘मुंबई मोमेंट्स 2023’ में दस फोटोग्राफरों की खास तस्वीरों को खास जगह मिली है। इस आयोजन के दौरान प्रेस क्लब में खुशनुमा माहौल देखने को मिला। रणबीर और आलिया मस्ती के मूड में दिखे। उन्होंने फोटो प्रदर्शनी का जायजा लिया। पत्रकारों, फोटोग्राफरों से काफी घुलमिलकर बातचीत की। इस दौरान कुछ पत्रकारों और फोटोग्राफरों ने अपनी गायन कला का भी प्रदर्शन किया।
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मेरी पसंदीदा फोटो : मस्ती के मूड में आलिया भट्ट और रणबीर कपूर चुनिंदा तस्वीरों के साथ। |
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दस का दम |
‘मुंबई मोमेंट्स- 2023’ में दिखा दस का दम
मुंबई प्रेस क्लब के टेबलटॉप कैलेंडर ‘मुंबई मोमेंट्स- 2023’ की ओपनिंग तस्वीर हिंदुस्तान टाइम्स के फोटोग्राफर प्रतीक चोरघे की है, जिसमें आसमान से गुलाबी रंग का दुशाला ओढ़े सुरमई शाम धरती पर उतर रही है... वहीं अरब सागर की छाती पर खड़ा बांद्रा-वरली सी-लिंक नजर आ रहा है, जहां ग्रहण की अवधि से गुजर रहा सूरज लाल-पीले रंग के किसी चांद की तरह सी-लिंक की मुंडेर पर टंगा नजर आ रहा है, वहीं दूर किनारे पर खड़े मुंबईकर इस अद्भुत नजारे को अपनी नजरों में कैद करते दिख रहे हैं।
सामाजिक सौहार्द से साल की शुरुआत
महान फोटोग्राफर पीटर एडम्स ने कहा है- ‘‘बेहतरीन फोटोग्राफी का सरोकार भावना की गहराई यानी ‘डेप्थ ऑफ फीलिंग’ से है, न कि ‘डेप्थ ऑफ फील्ड’ से! ... कुछ यही जादू दिखाया है हिंदुस्तान टाइम्स के फोटोग्राफर अंशुमन पोयरेकर ने जनवरी महीने का हिस्सा बनी अपनी तस्वीर में। इस तस्वीर में गणेशोत्सव के निमित्त गणपति प्रतिमा को मुंबई की लाइफलाइन कही जानेवाली लोकल ट्रेन से ले जाते दिखाया गया है। तस्वीर को बेहतरीन कैप्शन दिया गया है - ‘ये सबके आराध्य हैं और सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करते हैं’। इस तस्वीर में डेप्थ ऑफ फीलिंग नजर आती है। देश के मौजूदा राजनीतिक और सामाजिक परिवेश में अपने अस्तित्वके लिए जूझ रही भारत की ‘गंगा-जमुनी तहज़ीब’ इस तस्वीर में अपने मूल अंदाज में दिखती है। हिंदु-मुसलमान, महिलाएं, पुरुष सभी एकजुट हैं... गणेशोत्सव के प्रति सभी के मन में श्रद्धा है... मोबाइल हो चली इस डिजिटल दुनिया में मानवता अपनी रफ्तार से आगे बढ़ रही है... यही मायानगरी मुंबई की जीवनरेखा है...।
फेस मास्क की अहमियत समझाता फरवरी
विश्व प्रसिद्ध पोट्रेट फोटोग्राफर ऐनी गेडेस ने कहा है- ‘सबसे अच्छी तस्वीरें वे होती हैं जो अपनी ताकत और अपना असर वर्षों कायम रखती हैं, चाहे उन्हें जितनी भी बार देखा जाए।’ फरवरी महीने का हिस्सा बनी एएफपी के फोटोग्राफर इंद्रनील मुखर्जी की फोटो में भी यही ताकत दिखती है। तस्वीर में कोरोना महामारी के दौरान मास्क लगाने के लिए प्रेरित करते भित्ति-चित्र के सामने से एक व्यक्ति मास्क लगाए गुजर रहा है। फोटो का कैप्शन है- ‘मास्क पहनें, यह जीवन बचाता है’। महामारी, बढ़ते प्रदूषण के बीच सुरक्षा के एहतियाती उपायों का मर्म समझाती इस तस्वीर का असर हमेशा बरकरार रहेगा।
हर मन में संस्कृति का ‘मार्च’
जर्मनी मूल के मशहूर अमेरिकी फोटोग्राफर अल्फ्रेड आइजेंस्टिड ने कहा था- ‘शटर क्लिक करने की बजाए लोगों के साथ क्लिक करना अधिक महत्वपूर्ण है।’मार्च महीने का हिस्सा बनी फ्रीलांसर फोटोग्राफर इम्मानुएल कारभारी की ‘गिरगांव के गुढी पाडवा’ उत्सव की फोटो भी लोगों के साथ क्लिक की गई तस्वीर है। महाराष्ट्र की संस्कृति से साकार कराती यह एक सदाबहार तस्वीर है।
अप्रैल का आसमान और माह-ए-रमजान
अमेरिका की मशहूर फोटो जर्नलिस्ट डोरोथिया लैंग ने कहा था- ‘कैमरा वह इंस्ट्रूमेंट है जो सिखाता है कि कैसे बिना कैमरे के देखा जाए।’ अप्रैल महीने का हिस्सा बनी हिंदुस्तान टाइम्स के फोटोग्राफर अंशुमन पोयरेकर की तस्वीर भी कैमरे से आगे जाकर बिना कैमरे के देखने का उदाहरण है। वायएमसीए ग्राउंड में रमजान के महीने में नमाज अदा करते लोगों का विहंगम दृश्य इस तस्वीर में नजर आता है।
मई का ये कौन चित्रकार है?
मशहूर अमेरिकी फोटोग्राफर और मॉडर्न आर्ट प्रमोटर अल्फ्रेड स्टीग्लिट्ज ने कहा था- ‘फोटोग्राफी में, वास्तविकता इतनी सूक्ष्म होती है कि यह वास्तविकता से भी अधिक वास्तविक हो जाती है।’ मई महीने का हिस्सा बनी ‘लाइव फोटो’ के फोटोग्राफर दीपक सालवी की तस्वीर में भी यही वास्तविकता नजर आती है, जहां एक विशालकाय भित्तिचित्र को साकार करता एक चित्रकार छोटे-से बिंदु के रूप में नजर आ रहा है।
जून की रवानी, बरखा रानी की कहानी
मशहूर स्विस फोटोग्राफर रेने बरी ने कहा था- ‘फोटोग्राफ एक क्षण है- शटर दबाने के बाद, वह कभी लौटकर नहीं आता।’ मिड-डे के वरिष्ठ फोटोग्राफर आशीष राजे ने जून महीने का हिस्सा बनी एक ऐसी ही तस्वीर कैद की है, जो मुंबई की एक सड़क पर सिग्नल तोड़कर स्कूली बच्चों के साथ शरारत करने चली आई बरखा रानी की मस्ती के अंदाज को बयान करती है।
जुलाई आई, मस्ती लाई
बीसवीं सदी के सांस्कृतिक परिवेश के बीच युद्धों की पोट्रेट फोटोग्राफी के लिए मशहूर अमेरिकी फोटोग्राफर बेरेनिस ऐलिस अबॉट ने कहा था- ‘फोटोग्राफी देखने का हुनर सिखाती है।’ यही हुनर नजर आता है जुलाई महीने का हिस्सा बनी मिड-डे के वरिष्ठ फोटोग्राफर प्रदीप धीवर की फोटो में। फोटो का कैप्शन है- ‘गेटवे पर खुशियों का ज्वार’... गेटवे की परिधि लांघकर मुंबईकरों को तर-ब-तर करने के लिए सड़क पर आ धमकी समुद्री लहरों के साथ-साथ जनमानस में हिलोरे मारते समुद्र को इस तस्वीर में बखूबी दिखाया गया है।
अगस्त की क्रिकेट क्रांति
भारत के मशहूर फोटो जर्नलिस्ट रघु राय ने कहा है- ‘हुनर सिखाया नहीं जाता है, हासिल किया जाता है। मैं आपको कैमरा तो दे सकता हूं, लेकिन आपके अंदर विजन (नजर) पैदा नहीं कर सकता।’ अगस्त महीने का हिस्सा बनी इम्मानुएल कारभारी की तस्वीर में वह विजन नजर आता है, जो मुंबई से क्रिकेट को ‘क्रिकेट का भगवान’ उपहार में देता है। चौपाटी पर अस्ताचल के सूरज को क्रिकेट का अर्घ्य देते मुंबईकरों के लिए बेहद सार्थक कैप्शन दिया गया है- ‘क्रिकेट कहीं भी, कभी भी।’
संवेदनाओं का स्पर्श कराता सितंबर
पेरू के मशहूर फैशन व पोट्रेट फोटोग्राफर मारियो टेस्टिनो ने कहा है- ‘मेरी तस्वीर मेरी आंख है। मैं जो देखता हूं- और जो देखना चाहता हूं उसी की फोटो लेता हूं।’ सितंबर महीने कका हिस्सा बनी फ्रीलांसर फोटोग्राफर भूषण कोयंडे की फोटो इसी का एहसास कराती है। गुलाब की पंखुरियों से भरे कृत्रिम तालाब में गणपति विसर्जन के मनमोहक दृश्य को इस खूबसूरती से कैद किया गया है कि देखनेवाले के मन में आस्था का ज्वार उमड़ने लगता है।
आलियामय अक्टूबर
मशहूर फ्रांसीसी कलाकार व फोटोग्राफर लुई डैगियर ने कहा था- ‘मैंने रोशनी को कैद किया। उसकी उड़ान को बांध लिया।’ बॉम्बे टाइम्स के फोटोग्राफर प्रथमेश बांदेकर ने अक्टूबर महीने का हिस्सा बनी अभिनेत्री आलिया भट्ट की तस्वीर में इसी तरह रील और रियल लाइफ का दृश्य कैद करते हुए रोशनी को कैद किया है और उड़ान को बांधा है। फोटो में एक ओपन बस की छत पर सवार अभिनेत्री आलिया भट्ट पर अपनी फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के पोस्टर की ओर इशारा करती नजर आ रही हैं।
नंबर गेम वाला नवंबर
भारत के मशहूर फोटो जर्नलिस्ट रघु राय ने कहा है- ‘क्रिएटिव फोटोग्राफर वह है, जो मिस्ट्री कैप्चर करता है या चीजों का रहस्य खोलता है, बाकी चीजें तो बस यूं ही हैं।’ नवंबर महीने का हिस्सा बनी और कैलेंडर की एकमात्र राजनीतिक तस्वीर में दबंग दुनिया के फोटोग्राफर सचिन हलदे ने एक राजनीतिक रहस्य के क्षण को कैमरे में कैद किया है। महा विकास आघाड़ी की सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार गिराने के बाद शिंदे-फडणवीस सरकार के शापथविधि समारोह के दौरान की इस तस्वीर में भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस इस अंदाज में उंगली दिखाते नजर आ रहे हैं मानो कह रहे हों कि बाकी सब कठपुतलियां है, जिनकी डोर मेरे हाथ में बंधी है। सचिन हलदे ने इस तस्वीर में उस रहस्य को कैद किया है, जिसकी परतें अब उघड़ने लगी हैं। हिंदुत्व का राग अलापते हुए अपने आका उद्धव ठाकरे को सत्ता सिंहासन से हटा देनेवाले एकनाथ शिंदे की बगावत अब भाजपाइयों की सोची-समझी रणनीति साबित होकर रह गई है। सबको अपनी उंगली पर नचानेवाले फडणवीस सूत्रधार बनकर रह गए हैं और शिंदे कुर्सी के सरताज बन बैठे हैं। सियासत का खेल जारी है।
दिसंबर में अमृत महोत्सव का दीदार
अमेरिका के मशहूर लैंडस्केप फोटोग्राफर एंसल ऐडम्स ने कहा था- ‘असली फोटो वह है जिसकी व्याख्या करने की जरूरत न हो, और न ही उसे शब्दों में समेटा जा सके।’ दिसंबर महीने का हिस्सा बनी हिंदुस्तान टाइम्स के फोटोग्राफर प्रतीक चोरघे की फोटो में आजादी के अमृत महोत्सव का जश्न मनाते हाथ में तिरंगा थामे ऊंची इमारतों के बीच खतरनाक ढंग से एक तार पर आगे बढ़ता व्यक्ति उस हौसले और उत्साह का प्रतीक है, जिसे शब्दों में नहीं व्यक्त किया जा सकता है।
अमेरिका के मशहूर लैंडस्केप फोटोग्राफर एंसल ऐडम्स ने कहा था- ‘असली फोटो वह है जिसकी व्याख्या करने की जरूरत न हो, और न ही उसे शब्दों में समेटा जा सके।’ दिसंबर महीने का हिस्सा बनी हिंदुस्तान टाइम्स के फोटोग्राफर प्रतीक चोरघे की फोटो में आजादी के अमृत महोत्सव का जश्न मनाते हाथ में तिरंगा थामे ऊंची इमारतों के बीच खतरनाक ढंग से एक तार पर आगे बढ़ता व्यक्ति उस हौसले और उत्साह का प्रतीक है, जिसे शब्दों में नहीं व्यक्त किया जा सकता है।
Great 👍
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